हज़ारीबाग : झारखण्ड के प्रसिद्ध नरसिंह स्थान में इस वर्ष मेला कार्तिक पूर्णिमा के 15 नवंबर को आयोजित होगा।यह मंदिर कटकमदाग प्रखंड के खपरियावा में स्थित है।यह मेला हजारीबाग ही नहीं पुरे झारखंड में प्रसिद्ध है। इस मेले में विभिन्न जिलों के श्रद्धालु मुंडन करवाने के लिए पहुंचते हैं।
मेले के दिन समिति की ओर से श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए समिति की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं।मंदिर प्रवेश के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग कतार में जाने की व्यवस्था होगी।मेले में समिति द्वारा श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी का वितरण किया जाएगा।
नरसिंह मंदिर का इतिहास-
नरसिंह मंदिर 400 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिर है।मंदिर के पुजारी ने कहा कि इस मंदिर की स्थापना 1632 ईस्वी में पंडित दामोदर मिश्र के द्वारा किया गया था।तब से ही पूरे प्रदेश भर के भक्त यहां पर मनोवांछित फल पाने के लिए आते हैं। इस मंदिर में एक मान्यता यह भी है कि मंदिर में अखंड दीप ज्योति और परिक्रमा कभी व्यर्थ नहीं जाता है। इस मंदिर में शादी के लिए और बच्चों के मुंडन के लिए यहां सैकड़ो भक्त रोजाना आते हैं।
नरसिंह मंदिर में एक ईख और गेंदा फूल मेला के दिन आकर्षण का केंद्र बिंदु है. हजारीबाग समेत पुरे राज्य भर से किसान अपना ईख लेकर इस मेला में व्यापार करने के लिए पहुंचते हैं। जो भी व्यक्ति मेले में आते हैं वह अपने साथ ईख और गेंदा फूल का अवश्य ले जाते हैं।